नागार्जुन की कविता आओ रानी हम ढोएँगे पालकी

आओ रानी हम ढोएँगे पालकी कविता | aao rani hum dhoyenge palki by nagarjun

नागार्जुन की प्रसिद्ध कविता ‘आओ रानी हम ढोएँगे पालकी’ कविता उन रचनाओं में से एक है जो नागार्जुन की साहित्यिक और सामाजिक चेतना को उजागर करती है और आज भी प्रासंगिक है। ‘आओ रानी, हम ढोएँगे पालकी’ कविता नागार्जुन की पुस्तक “नागार्जुन: प्रतिनिधि कविताएँ (पृष्ठ 101) से ली गई है, जिसका प्रकाशन राजकमल प्रकाशन द्वारा 2007 के संस्करण में हुआ है।

नागार्जुन द्वारा लिखित ‘आओ रानी, हम ढोएँगे पालकी’ कविता व्यंग्यात्मक शैली में रचित एक प्रभावशाली रचना है, जिसमें वह तत्कालीन राजनीतिक परिदृश्य और समाज के विडंबनात्मक पहलुओं पर तीखा प्रहार करते हैं। कविता प्रतीकात्मक रूप से राजनीतिक नेताओं और उनकी नीतियों की आलोचना करती है, खासकर उन नेताओं की जो आम जनता के हितों की अनदेखी कर सत्ता और शक्ति का खेल खेलते हैं। कविता की भाषा सरल है, लेकिन इसके व्यंग्य और कटाक्ष गहरे और तीखे हैं। नागार्जुन ने जवाहरलाल नेहरू और उनकी नीतियों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणियाँ की हैं, जो सत्ता और सामंती व्यवस्था के विरोधाभासों को उजागर करती हैं। कविता में व्याप्त कटाक्ष और विडंबना इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था पर एक सशक्त टिप्पणी बनाते हैं, जिसमें सत्ता के खेल, सामाजिक विषमताओं और आम आदमी की पीड़ा को बड़ी बारीकी से दर्शाया गया है।

आओ रानी हम ढोएँगे पालकी

आओ रानी, हम ढोएँगे पालकी,
यही हुई है राय जवाहरलाल की
रफ़ू करेंगे फटे-पुराने जाल की
यही हुई है राय जवाहरलाल की
आओ रानी, हम ढोएँगे पालकी!

आओ शाही बैंड बजाएँ,
आओ बंदनवार सजाएँ,
ख़ुशियों में डूबे उतराएँ,
आओ तुमको सैर कराएँ—
उटकमंड की, शिमला-नैनीताल की
आओ रानी, हम ढोएँगे पालकी!

तुम मुस्कान लुटाती आओ,
तुम वरदान लुटाती जाओ,
आओ जी चाँदी के पथ पर,
आओ जी कंचन के रथ पर,
नज़र बिछी है, एक-एक दिक्पाल की
छ्टा दिखाओ गति की लय की ताल की
आओ रानी, हम ढोएँगे पालकी!

सैनिक तुम्हें सलामी देंगे
लोग-बाग बलि-बलि जाएँगे
दॄग-दॄग में ख़ुशियाँ छ्लकेंगी
ओसों में दूबें झलकेंगी
प्रणति मिलेगी नए राष्ट्र के भाल की
आओ रानी, हम ढोएँगे पालकी!

बेबस-बेसुध, सूखे-रुखडे़,
हम ठहरे तिनकों के टुकडे़,
टहनी हो तुम भारी भरकम डाल की
खोज ख़बर तो लो अपने भक्तों के ख़ास महाल की!
लो कपूर की लपट
आरती लो सोने के थाल की
आओ रानी, हम ढोएँगे पालकी!

भूखी भारत-माता के सूखे हाथों को चूम लो
प्रेसिडेंट के लंच-डिनर में स्वाद बदल लो, झूम लो
पद्म-भूषणों, भारत-रत्नों से उनके उद्गार लो
पार्लमेंट के प्रतिनिधियों से आदर लो, सत्कार लो
मिनिस्टरों से शेकहैंड लो, जनता से जयकार लो
दाएँ-बाएँ खडे हज़ारी ऑफ़िसरों से प्यार लो
धनकुबेर उत्सुक दीखेंगे उनके ज़रा दुलार लो
होंठों को कंपित कर लो, रह-रह के कनखी मार लो
बिजली की यह दीपमालिका फिर-फिर इसे निहार लो
यह तो नई-नई दिल्ली है, दिल में इसे उतार लो
एक बात कह दूँ मलका, थोड़ी-सी लाज उधार लो
बापू को मत छेड़ो, अपने पुरखों से उपहार लो
जय ब्रिटेन की जय हो इस कलिकाल की!
आओ रानी, हम ढोएँगे पालकी!

रफ़ू करेंगे फटे-पुराने जाल की!
यही हुई है राय जवाहरलाल की!
आओ रानी, हम ढोएँगे पालकी!

Disclaimer

All Hindi poems, stories, and novels available on this website are published solely for educational and informational purposes. The copyright of this content belongs to the original authors, publishers, or other rights holders. If you believe any content on this website infringes your copyright, please contact us immediately. We will review the material and, if necessary, promptly remove it from the website.

हिंदी की अन्य रचनाओं को भी देखें

0 users like this article.

अगर आपके प्रश्नों का उत्तर यहाँ नहीं है तो आप इस बटन पर क्लिक करके अपना प्रश्न पूछ सकते हैं

Follow Hindistack.com on Google News to receive the latest news about Hindi Exam, UPSC, UGC Net Hindi, Hindi Notes and Hindi solve paper etc.

Related Articles

सिके हुए दो भुट्टे नागार्जुन की कविता | Sike Huye Do Bhutte by Nagarjun

नागार्जुन की कविता सिके हुए दो भुट्...

Check Today's Live 🟡
Gold Rate in India

Get accurate, live gold prices instantly
See Rates

Popular Posts

नाटक और एकांकी में अंतर | Differences Between Natak and Ekanki

नाटक और एकांकी में अंतर | Diff...

नागार्जुन की अकाल और उसके बाद कविता की मूल संवेदना | Akal Aur Uske Baad Kavita ki Mool Samvedna Hindistack

अकाल और उसके बाद कविता की मूल ...

अकाल और उसके बाद कविता की व्याख्या | Akal Aur Uske Baad Kavita ki Vyakhya | Hindistack

अकाल और उसके बाद कविता की व्या...

गीतिकाव्य के आधार पर विद्यापति के गीतों का मूल्यांकन

गीतिकाव्य के प्रमुख तत्वों के ...

आत्मकथा की विशेषताएँ | Characteristics of Autobiography

आत्मकथा की विशेषताएँ | Charact...

आत्मनिर्भरता निबंध में 'बाल-विवाह' की समस्या

आत्मनिर्भरता निबंध में बाल-विव...

Latest Posts

1
नाटक और एकांकी में अंतर | Differences Between Natak and Ekanki
2
अकाल और उसके बाद कविता की मूल संवेदना
3
अकाल और उसके बाद कविता की व्याख्या
4
गीतिकाव्य के प्रमुख तत्वों के आधार पर विद्यापति के गीतों का मूल्यांकन
5
आत्मकथा की विशेषताएँ | Characteristics of Autobiography in Hindi
6
आत्मनिर्भरता निबंध में बाल-विवाह की समस्या

Tags

हिंदी साहित्य
Hindi sahitya
कहानी
अनुवाद
Anuvad
Anuwad
Translation
Kahani
आदिकाल
Aadikal
उपन्यास
Rimjhim Hindi book
व्याकरण
Rimjhim Hindi Pdf
Nagarjun
NCERT
भक्तिकाल
Aadhunik kaal
Class 9
रिमझिम फ्री डाउनलोड PDF